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भारतीय सेना ने कल पीओके में जो ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है, उससे पूरे पाकिस्तान में ख़ौफ़ पसरा हुआ है। जो भी इस शब्द को सुन रहा है, वही चक्कर खाकर गिर रहा है। अंग्रेज़ी की कम जानकारी की वजह से लोगों को लग रहा है कि भारत ने इस बार कोई अलग टाइप का अटैक कर दिया है और लोग अपने घरों को छोड़-छोड़कर भाग रहे हैं।
कल सुबह से ही पाकिस्तान में तरह-तरह की अफ़वाहें चल रही हैं। कोई कह रहा है कि “इस अटैक में पहले ज़बरदस्ती सर्जरी करते हैं, फिर उस सर्जरी के पैसे लेते हैं, उसके बाद मारते हैं। यानि पैसे और जान दोनों लेते हैं!” कोई कह रहा है कि “इस हमले में आदमी को सुई चुभो-चुभोकर मारते हैं।” सभी शहरों में अस्पतालों के बाहर लंबी-लंबी क़तारें लगी हुई हैं। लोग डॉक्टरों और कंपाउंडरों से पूछ रहे हैं कि “ये सर्जरी वाला अटैक कैसा होता है?”
हालात पर क़ाबू पाने के लिये पाकिस्तान सरकार ने जगह-जगह सूचना-केंद्र खोल दिये हैं, जहां लोगों को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का मतलब समझाया जा रहा है। सरकार रेडियो और टीवी पर भी चौबीसों घंटे अनाउंसमेंट कह रही है कि ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बहुत ख़तरनाक किस्म का हमला नहीं है, इससे ज़्यादा घबराने की ज़रूरत नहीं है।
पाकिस्तान विदेश सचिव एजाज़ अहमद चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि “भारत ने जानबूझकर हम पर अंग्रेज़ी में हमला किया है। इससे तो अच्छा था कि वो हम पे हिंदी में कोई बम ही गिरा देते!” श्री चौधरी ने पसीना पोंछते हुए आगे कहा कि “जितने बंदे हमारे इस ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से मरे हैं, उससे डबल इसे सुनकर मर चुके हैं। शरीफ़ साब को ख़ुद कल से ठंडे पसीने आये जा रहे हैं।”
भारतीय सेना ने कल पीओके में जो ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है, उससे पूरे पाकिस्तान में ख़ौफ़ पसरा हुआ है। जो भी इस शब्द को सुन रहा है, वही चक्कर खाकर गिर रहा है। अंग्रेज़ी की कम जानकारी की वजह से लोगों को लग रहा है कि भारत ने इस बार कोई अलग टाइप का अटैक कर दिया है और लोग अपने घरों को छोड़-छोड़कर भाग रहे हैं।
कल सुबह से ही पाकिस्तान में तरह-तरह की अफ़वाहें चल रही हैं। कोई कह रहा है कि “इस अटैक में पहले ज़बरदस्ती सर्जरी करते हैं, फिर उस सर्जरी के पैसे लेते हैं, उसके बाद मारते हैं। यानि पैसे और जान दोनों लेते हैं!” कोई कह रहा है कि “इस हमले में आदमी को सुई चुभो-चुभोकर मारते हैं।” सभी शहरों में अस्पतालों के बाहर लंबी-लंबी क़तारें लगी हुई हैं। लोग डॉक्टरों और कंपाउंडरों से पूछ रहे हैं कि “ये सर्जरी वाला अटैक कैसा होता है?”
हालात पर क़ाबू पाने के लिये पाकिस्तान सरकार ने जगह-जगह सूचना-केंद्र खोल दिये हैं, जहां लोगों को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का मतलब समझाया जा रहा है। सरकार रेडियो और टीवी पर भी चौबीसों घंटे अनाउंसमेंट कह रही है कि ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बहुत ख़तरनाक किस्म का हमला नहीं है, इससे ज़्यादा घबराने की ज़रूरत नहीं है।
पाकिस्तान विदेश सचिव एजाज़ अहमद चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि “भारत ने जानबूझकर हम पर अंग्रेज़ी में हमला किया है। इससे तो अच्छा था कि वो हम पे हिंदी में कोई बम ही गिरा देते!” श्री चौधरी ने पसीना पोंछते हुए आगे कहा कि “जितने बंदे हमारे इस ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से मरे हैं, उससे डबल इसे सुनकर मर चुके हैं। शरीफ़ साब को ख़ुद कल से ठंडे पसीने आये जा रहे हैं।”
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